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जीवन संगृाम

apni baat
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इस जीवन को तुम सफ़र नहीं संग्राम जानो
िमले पराजय तो भी मत युद्ध िवराम मानो |

हार गए हो तो भी एक िदन जीतोगे तुम
नए इरादे लेकर जूझो मत पूर्ण िवराम मानो |

हालातों से लड़ो उन्हें अनुकूल बनालो
अगर भाग्य िवपरीत लड़ो,इरादे दृढ बनालो |

सबक हार से सीखो, िफर से उठो िवश्वास नया लेकर
साहस की हाेती िवजय सुिनश्िचत, असंग्िदग्ध पिरणाम मानो |

कौन भला ऐसा इस जग में, कभी परािजत जो न हुआ हो
अंितम िवजय उसी की होती जो हारा हो पर न थका हो |

मत आशा रक्खो कोई साथ तुम्हारा देगा
तुमको ये संग्राम अकेले लड़ना होगा |

सच्ची चाहत िलए िवजय की जो लड़ता है
उसे पराजय नव उत्साह सदा देती है |

िमलती िजतनी हार िवजय की चाह तीव्र होती उतनी ही
मत िगनो मील के पत्थर बस मंिजल पहचानो |

इस जीवन को तुम सफ़र नहीं संग्राम जानो
िमले पराजय तो भी मत युद्ध िवराम मानो |

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